ननतुउद बकसोर ( कारक का परिभाषा) :
जोक्क बक एन्ने र ‘ई एकदा तंगआ ती इजआ दरा इन्दरइम हूँ नना पुल्ली पहें ननतुउ अरा मनतुउ ही मजही नू बरअर बकपूनन पोक्ता ननी चि `ई अरा अदिनी ननतुउद हूँ ठउकम दहदर मनी काली। (कुछ शब्द ऐसे हैं कि वाक्य में प्रयुक्त शब्द आपस में सम्बद्ध होते हैं। असम्बद्ध होने पर इनका अर्थ ही उलझ कर रह जाएगा अथवा वे निरर्थक हो जायेंगे लेकिन कारक और कर्म के बीच में आकर वाक्य में परिवर्तन हो जाता है। इसी सार्थकता को लाने के लिए सम्बन्ध को बतलाने का काम ‘कारक’ कहते हैं)
एकासे का – गे, नु, न, सिन, रिन, मंइय्या, नू, ती, गहि
ननतुउद गहि सय मूठन मनी
(कारक के सात भेद होते हैं)
(1) मनतुद ननतुउद(कर्म कारक)
(2) अदिगे ननतुउद (सम्प्रदान कारक)
(3) अदिनु ननतुउद (अधिकरण कारक)
(4) अदिती ननतुउद (अपादान कारक)
(5) अदिही ननतुउद (सम्बन्ध कारक)
(6) अदिगने ननतुउद (सम्बोधन कारक)
(7) अदितुरू ननतुउद (करण कारक)
कुँडुख कत्थानु ननतुउद गहि चिन्हा
(1) मनतुद ननतुउद -इन, न
(2) अदिगे ननतुउद -गे, खतरी
(3) अदिनुि ननतुउद-गुसन, नु, हेद्दे
(4) अदिती ननतुउद – ती, तु, ते, तुरू
(5) अदिही ननतुउद – एम, गहि, एंग, नम्हय, तम्हय, घी, ही
(6) अदिगने ननतुउद – ई अदिमइया,, आवंगे, संगेम, नू
(7) अदितुरू ननतुउद – ती, तुरू
1. मनतुद ननतुउद (कर्म कारक )
बकपून नू एकाईय्या ननना मलता ननू गहि नलख एका अइय्या मनी अदिन मनतुउ अवनर अरा आद ननततुङ ही उलम मनी। (वाक्य में जिस पर क्रिया या कार्य का फल पड़े, उसे कर्म कारक कहते हैं।) – के, को
एकासे का
एन एगियोन मेक्खन।
आस नेईन ईरयस।
ए-म करमासिन मेंज्जकन।
सोमरा ने मंगरा को देखा था- सोमरस मंगरासीन इरकारा अःचस।
2 अदिगे ननतुउद (सम्प्रदान कारक)
एका बकती ने-कागे नलख़ मनी आद अख़तार’ई, अदिन अदिगे ननतुउद बअनर ।
एकासे का –
ओय गे बुसऊ चिआ।
एन्न निंग्गा पुथि खिंदकन ।
ए-न घोड़ो गे भूसी-चुनी चिच्चकन।
वह दो दिनों के लिए आया था – आस एंड उल्लाखतरि बरचका राअः चस। इवड़ा बकपून नू ओय गे, निंग्गा गे, अरा घोड़ो गे, नलख मना लगी आद अख़तारई, अवंगी इबड़ा बक अदिगे ननततुउद मंज्जा ।
3. अदिनु ननतुउद ( अधिकरण कारक)
आ बक एकदा नलख़ घी थम्बा मनी, अदिन अदिनु ननातुउद बअनर। (क्रिया के आधार शब्द के बाद जब ‘में’ अथवा ‘पर’ विभक्ति लगती है तब वह अधिकरण कारक होता है।)
एकासे का
ए-न राँची नू रअदन।
एन एड़पा नू मंड्डी ओंड्कन।
आस घोड़ो मंइय्या अरगदस।
इसन’ ए-न ही रअना ‘राँची’ नू, एड़पा’नू अरा ‘आस’ ही अरगना ‘घोड़ो’ मंइय्या मना लगी अवंगे इबड़ा अदिनु ननतुउद मंज्जा ।
4. अदिती ननतुउद (अपादान कारक)
बकपून नू एकदा ती जुदा मन्ना मलता जोक्खा मन्ना अख़तारई, अदिन अदिती ननतुउद बअनर। (वाक्य में जिससे कोई वस्तु अलग हो, उसे अपादान कारक कहते हैं।) – से एकासे का –
पेड़ से आम गिरआ -मन्न ती टटखा ख़त्तरा।
लड़की पेड़ से गिर गई -कुकोय मन्नेति ख़त्तरा केरा।
वह मुझसे बड़ा है – आस एंग्हय ती कोहा हिकदस।
हम कल से काम करेंगे- एम नेलाति नलख ननोम।
इबड़ा बकपून नू मन्न ती टटखा घी जुदा मन्नन, कुकोय मननेति जुदा मन्नन, आस एंग्हय ती कोहा र’अस, एम नेलाति नलख अवंगे इबडा अदिती ननतुउद मंज्जा |
5. अदिही ननतुउद (सम्बन्ध कारक)
एका बक घी नता बकपून ही नन्ना बक गने तेंग्गा तारई अदिन अदिही ननतुउद बअनर।
(जिस शब्दों के साथ संबंध वाक्य का बोध अन्य शब्दों के साथ होता है उसे संबंध कारक कहते हैं।) का, के, की
एकासे का
यह हमारा घर है -ईद एम्हय एड़पा तली।
उसके साथ जाओ-आस संगे कला।
यह सोमरा का पुस्तक है- इद सोमरस गहि पुथि हिके।
महदेव के घर हैं -महदेवस घी एड़पा हिके।
झरियो के बैल चर रहा है -झरियो गहि अड्डो मेना लगी।
उसका कपड़ा लाल है – आस ही किचरी खेंसो रई।
उसकी गाड़ी बिगड़ गई – आस गहि गड़ी बिगड़ाराकेरा।
किसकी बकरी है – नेखाय एड़ा तली ।
इबड़ा बकपून नू ‘एम्हय’ घी नता एड़पा गने, ‘आस’ घी नता गाड़ी गने, ‘नेखाय’ घी नता एड़ा गने, ‘सोमरस’ घी नता पुथि गने, ‘महदेवस’ घी नता एड़पा गर्ने, झरियो गहि नता अड्डो गने अरा ‘आस’ ही नता किचरी गने अख़तारई, अवंगे इबड़ा अदिही ननतुउद मंज्जा ।
6. अदि गने ननतुउद- (सम्बोधन कारक)
एकाबक ती संग्गे मंन्ना अख़ तारई अदिन अदिगने ननतुअद व’अनर। (जिस शब्द से सम्बन्ध होने का जानकारी प्राप्त होता है उसे सम्बोधन कारक कहते हैं।)
एकासे का
मड्डी संगेम दाली अमखी हो आ।
सोमरी गने सोमरस बेंज्जरस।
अड्डो गनेम एड़न होआ।
इबड़ा बकपून नू ‘मंड्डी’ गने दाली अमखी सोमरी गने सोमरस ही अरा अड्डो गने ए-ड़ा’ ही संग्गे मंन्ना अख़तारई अवंगे इबड़ा बक अदिगने ननतुउद मंज्जा।
7.अदितुरू ननतुउद (करण कारक) :-
बकपून नू एन्देर तुरू नलख़ मनी आद अख़तार ‘ई, अदिन अदितुरू ननतुउद ब ‘अनर। (वाक्य में जो शब्द क्रिया के सम्पन्न होने में साधन के रूप में काम आए उसे करण कारक कहते हैं।) से,के द्वारा
एकासे का –
टांगी से काट रहा है- टोंगेए ती खोतआ: लगदस।/टोंगेए ती खंडा लगदस।
वे लोग साईकिल से आए थे – आर सइकिल ती बरचकर रहचर।
दीपक पेन से लिखता है – दीपकस कलम तुरू टूडदस।
मंगरा डण्डा से साँप को मरा – मंगरस टेम्पा तुरू नेर्रन पस्सस।
सोमरा मिशिन के द्वारा बरी को पटाया – सोमरस मिसिन तुरू बटगी पटाबाचस।
इबड़ा बकपून नू टोंगेए, सइकिल, दीपकस, मंगरस, ‘सोमरस’ आर खोतआः (खण्ड़ना), बरचर, कलम, टेम्पा, मिसिन तुरू नलख ननानर अवंगे खोतना (खण्डना), बरचकर, कलम टेम्पा अरा मिसिन अदितुरू ननतुउद मंज्जा ।
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FAQ
Q>ननतुउद गहि एवँदा बरन गहि मनी तेंगा?
Ans=सय बरन गहि मनी
Q>“एन निंगा पुथि खिंदकन” एका ननतुउद तली तेंगा?
Ans=अदिगे ननतुउद