Muhabra in Kurukh | बई तुर्रा एनदरन ब’अनर?
भाषा को सशक्त एवं प्रवाहमयी बनाने के लिए मुहावरों(बई तुर्रा) का प्रयोग किया जाता है। वार्तालाप के बीच में इनका प्रयोग बहुत सहायक होता है। कभी-कभी तो मात्र मुहावरे अथवा लोकोक्तियों के कथन से ही बात बहुत अधिक स्पष्ट हो जाती है और वक्ता का उद्देश्य भी सिद्ध हो जाता है। इनके प्रयोग से हास्य, क्रोध, घृणा, प्रेम, ईर्ष्या आदि भावों को सफलतापूर्वक प्रकट किया जा सकता है।
मुहावरे का अर्थ
जो अपने साधारण अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को व्यक्त करे, मुहावरा कहलाता है।
मुहावरों का प्रयोग करने से भाषा में निम्नलिखित गुणों की वृद्धि होती है
(1) वक्ता का आशय कम-से-कम शब्दों में स्पष्ट हो जाता है।
(2) वक्ता अपने हृदयस्थ भावों को कम-से-कम शब्दों में प्रभावपूर्ण ढंग से सफलतापूर्वक अभिव्यक्त कर देता है।
(3) भाषा सबल, सशक्त एवं प्रभावोत्पादक बन जाती है।
(4) भाषा की व्यंजना-शक्ति का विकास होता है।
- खन्न लग्गना- नसना
- कपड़े ओलना-भइग खोटरना
- कत्था कमना- बहना नन्ना
- एड़पा हरियारन – सुखे बरना
- इट्टा ती इट्टा बजड़अना – कोड़ेहे जवाब चिअना
- चिच्च तइना – दुक्खे तइना
- खन्न एदना – खींस नन्ना
- ख़ेक्खा दीघा नन्ना- खड़ना
- घात लगाबअना – बेड़ा एरना
- चुट्टी इजना- एलचना
- छती-ती खुँवचना – चोन्हा नन्ना
- जिया लग्गना- मन लग्गना
- ठरकी टंगरना – अयो बनना
- निजड़ना – होश मन्ना
- पल्ल एदना – अलखना
- मन खड़ना – मोहना
- लाले चुरूख़ना – सीबा खारना
- बली चटेखना – नन्नर ही एड़पा काना
- ख़न्न ए-ख़ना सधारना
- कुक्क नुजना – नलख़ नना पोलना
- अल्ला पच्चना – हेतेड़ मलका
- कड़मा एसरना – दुःखे मन्ना
- कूल नुंजना – कीड़ा सारना
- आबदा मेद – डीण्डा अड्डे चोक्खो मन्ना नलख ती बोंगना
- अल्ला मल नुंसुगना – ने हूँ मल मेन्ना
- ख़न्न मिंक्खना- ख़े ‘अना
- गल्ले पूखना – रूसी मन्ना
- कत्था चि’अना – ठेवका नन्ना
- कुक्क किय्या मन्ना – बेइज्जत मन्ना (लजरना)
- एख़ एरना -सपड़ारना
- किचरी कूरत ‘अना – बेंज्जा गहि कत्था बनना
- खेबदा चि’अना – घेयान चि’अना
- अम्म नेआ पोलना -अजगड़ दुःखे मन्ना
- दाली मण्डी अख़ना -नेब्बा अखना (हल्का समझना)
- बई अलंगना -चींखना (रोना)
- अंगली ए-दना- घिराबना
- एड़पा ख़ोटोरना- जुदा मन्ना
- कत्थन खोट्टना – हुरमी कत्थन तेंग्गना
- कत्थन उइना – तिंका कत्थन पइतअना
- खेबदा धरना- किरया मो-ख़ना
- डहरे नपना – डहरे एकना
- चुलहा लघेरना ओना-मो-ख़ गे रअना
- खेबदा चोंढना – मल मेन्ना
- परता घसना – कोहा नलख नन्ना
- फूड़ी तेखेरना – नलख मन्ना काना
- जिया ओ-लना दुक्खे सारना
- पल्ल मो-ख़ना – खींच ती पल्लन चबेरना
- लुंड्डू-लुंड्डू ए-ना – खिंसारना
- ख़न्न नू मल समना – ए-रा सहआ पोलना
- कूल फुलरना – एलचना
- चरी किच्चना – नता छुटरना
- ओक्का पोलना – बेड़ा मल ख़क्खना
- अड़खा बअना मंड्डी ओन्ना
- कूल ख़ायना – ओन-मो-ख़ा गे मलख़क्खना
- गल्लेन कपरना – अकय घो-ख नु पड़ारना
- कपड़े बिलचना -किसमईत खखरना
- ख़न्न ती बेज्जे उरूखना- कठिन नलख
- ख़न्न गुने एरना- खिंसारना
- खड़िदका काया – पच्चगी जिया
- खेक्खा अम्बना -पसना/लवअना
- चिच्च नू झोलना – केबना
- कुक्क नुं उम्बुलना – मलदव नलखन नन्ना
- चिच्च चिअना- ओलदना
- डेना कुंदना – कत्था मल मेन्ना (बात नहीं सुनना)
- इड़ना-मोख़ना- केबना
- इसुंग नलबना – गोगॉर-गोंगोर नन्ना
- अम्म मण्डी अम्बना नड़ियारना
- किय्या मल एरना -घमंड मन्ना
- कत्था मल ठेकना – कत्था मल बनना
- झल्लारना – चिढ़ारना
- निरदंद रअना – निफिकिर रअना
- पल्ल असरना – पईया लग्गना
- बई नुड़ना -कच्छनखरआ गे एलेचना
- बई मुंई कोस्से नन्ना – तीना खांड़ना (घृणा करना)
- कड़मा सकतारना- धनी आलमन्ना (घनी होना)
- खेक्खा उइना – चोन्हा एदना (प्रेम रखना)
- चंपत मन्ना – बोगना काना
- जिया ओक्कना -चोन्हा मन्ना (प्रेम होना)
- तीना डेब्वा मन्ना – नुख़रते एकना (छुपते छुपते रास्ता चलना),
- अम्म दुधही लेख’आ मन्ना – दव आलर
- खेक्खा चि’अना- मोंजरा नन्ना
- चुट्टी इजना – एलचना
- बेरखा गहि डहरे खंडना – मलदव मन्ना
- बिल्ली तेभेरना -ख़े’ अना
- बालका मेद मन्ना- बेंजेरना
- गिट्टी हे ‘अना- इयाद नन्ना
- ख़न्न नु धूलि तप’आ नन्ना- धोखा चि’अना
- खेक्खा चिलगा लंगना – खुर्जी खक्खना
- कपड़े खोटरना – सिंदरी टूड़ना
- कड़मा एसरना – दुःखे मन्ना
- उलय चलय मन्ना- अकय कमिया
- कूल नु चोट्टो बोंगना – कीड़ा लग्गना
- खन्न चोड़ना- हिंसगहा मन्ना
- चेड्डका अल्ला लम्बहा मल धर’ई – बेगर मन गहि नलख़ मल मनी
एड़पा हरियारन बई तुर्रा गहि तेंगा एन्देश मन्नी ?
सुखे बरना
कत्था कमना बई तुर्रा गहि माने तेंगा ?
बहना नन्ना
कूल फुलरना बई तुर्रा गहि मान तेंगा ?
एलचना
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